मिस्र की फोटो को भारत की बताकर मुस्लिमों की बदनामी करने में जुटे हैं संघी सैनिक

ये फोटो प्रभाष आर्य नाम के व्यक्ति ने शेयर की थी व इस फोटो पर मौजूद मुस्लिम विरोधी कमेंट ये बताने के लिए पर्याप्त हैं कि इसका उद्देश्य क्या है। इस व्यक्ति की बाद की पोस्ट भी इसके मुस्लिम विरोधी दिमाग को बयां करती है।
अगर आप फेसबुक या व्हाटसएप्प इस्तेमाल करते हैं तो आपके सामने एक फोटो जरूर आयी होगी जिसमें एक बाप अपनी छोटी सी बेटी के खून सने चेहरे के साथ मुस्कुरा रहा है। संघी व भाजपाई इस फोटो को कभी इस तो कभी उस भारतीय मुस्लिम की साबित करने की कोशिश करते हैं। कभी इस खून को गाय का खून बताते हैं तो कभी फोटो के व्यक्ति को आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता सिद्ध करते हैं। ये फोटो आपको कुछ संघी पिछले एक साल पहले तो कुछ आज शेयर करते मिल जायेंगे। क्या आप जानते हैं इस फोटो के पीछे की सच्चाई :
ये फोटो मिस्र के एक व्यक्ति मोहम्मद अल अक्सरी का है। बूमलाइव वेबसाइट द्वारा किये गये सर्च से ये बात सामने आई थी कि सितम्बर 2016 में इस व्यक्ति ने ये फोटो डाली थी। खुद के देश में ही बहुत सारे लोगों द्वारा आलोचना होने पर उसने ये फोटो डिलीट कर दी थी पर उसका फेसबुक पेज आज भी मौजूद है जिससे साफ पता लगता है कि ये व्यक्ति वही है।
इस लिंक से आप उस व्यक्ति का फेसबुक एकाउंट देख सकते हैं।
हालांकि काफी पहले ही कई वेबसाइट द्वारा इस झूठ का पर्दाफाश किया जा चुका था पर आज भी कई संघी व भाजपाई इस पोस्ट को शेयर करते मिल जायेंगे।
इन संघियों के वैचारिक गुरू गोयबल्स का कहना था कि अगर एक झूठ को बार-बार बोला जाये तो वो सच बन जाता है। भारत के संघी इस संदेश पर अमल करते हैं। भारत के संघियों का वैचारिक नारा है – तुम एक झूठ पकड़ोगे, हम हजारों झूठ बोलेंगे।

संघियों द्वारा फैलाये जा रहे झूठ का एक ओर नमूना। इस पोस्ट का लिंक

Your Responses