September 8th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
*आनंद सिंह* —…..आईएस के इतिहास से वाकिफ़ कोई भी व्यक्ति यह जानता है कि यह भस्मासुर इराक़ में 2003 के अमेरिकी हमले के बाद पैदा हुआ और सीरिया में 2011 के बाद से जारी गृहयुद्ध में अमेरिका द्वारा पोषित किया गया है। लेकिन आईएस जैसे बर्बर इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन की अमेरिकी साम्राज्यवादी नीतियों द्वारा पैदाइश और उनका पालन-पोषण कोई नयी बात नहीं है। अमेरिकी विदेश नीति द्वारा ऐसे भस्मासुरों को पैदा करने को का बहुत लंबा इतिहास रहा है।
September 1st, 2014 by Smash Fascism | No Comments
* सुभाष गाताडे *
अगर हम अधिनायकवाद, फासीवाद के खिलाफ संघर्ष के पहले के अनुभवों पर गौर करें तो एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया यही हो सकती है कि हम एक संयुक्त मोर्चे के निर्माण की सम्भावना को टटोलें। सैद्धान्तिक तौर पर इस बात से सहमत होते हुए कि ऐसी तमाम ताकतें जो साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ खड़ी हैं, उन्हें आपस में एकजुटता बनानी चाहिए, इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि इस मामले में कोई भी जल्दबाजी नुकसानदेह होगी। उसे एक प्रक्रिया के तौर पर ही देखा जा सकता है – जिसके अन्तर्गत लोगों, संगठनों को अपने सामने खड़ी चुनौतियों/खतरों को लेकर अधिक स्पष्टता हासिल करनी होगी, हमारी तरफ से क्या गलति हुई है उसका आत्मपरीक्षण करने के लिए तैयार होना होगा और फिर साझी कार्रवाइयों/समन्वय की दिशा में बढ़ना होगा। कुछ ऐसे सवाल भी है जिन्हें लेकर स्पष्टता हासिल करना बेहद जरूरी है:
August 1st, 2014 by Smash Fascism | No Comments
आधुनिक काल का इतिहास गवाह है, हर तरह के धार्मिक कट्टरपंथ का इस्तेमाल उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद ने राष्ट्रीय मुक्ति और जन मुक्ति के संघर्षों को बाँटने और विसर्जित करने के लिए किया है। धार्मिक कट्टरपंथ का मध्ययुगीन धार्मिक विश्वदृष्टिकोण से कुछ भी लेना-देना नहीं होता। यह सारत: फासीवादी विचारधारा है जो एक आधुनिक परिघटना है।
June 12th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
When a German delegation visited Gujarat (April 2010), one of the members of the delegation pointed out that he was shocked by parallels between Germany under Hitler and Gujarat under Modi. Incidentally in Gujarat school books Hitler has been glorified as a great nationalist. ( http://deshgujarat.com/2010/04/10/german-mps-mind-your-own-business/). The similarities with Hitler don’t end here. Like Hitler, Modi enjoys the solid support from the corporate World.
June 5th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
पिछले लगभग तीन दशकों में, हमारे समाज ने धर्म के नाम पर बहुत कुछ देखा-भोगा है। एक ओर धार्मिक पहचान से जुड़े मुद्दे राष्ट्रीय परिदृश्य के केन्द्र में आ गए हैं वहीं हजारों ऐसे स्वघोषित भगवान, बाबा और आचार्य ऊग आए हैं, जो स्वयं को दैवीय शक्तियों से लैस बताते हैं। वे यह चाहते हैं कि राज्य और समाज उन्हें विशेष दर्जा दे और कब-जब, अनौपचारिक तौर पर ही सही, राज्य उन्हें कुछ विशेषाधिकार देता भी है। समाज उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखता है।
September 27th, 2011 by Smash Fascism | 1 Comment
‘बर्बरता के विरुद्ध’ को ईमेल से प्राप्त हुई ‘डीएसयू’ की रिपोर्ट ‘हिंदुस्तान में हिंदुओं का राज है, मुसलमानों का कौन है?’ जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 छात्रों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम राजस्थान के भरतपुर जिले में हुए गोपालगढ़ हत्याकांड के कारणों और घटनाक्रम का पता लगाने के लिए 25 सितंबर को गोपालगढ़ और […]