May 30th, 2017 by Smash Fascism | 1 Comment
दिशा छात्र संगठन इस मामले में रिपब्लिक टीवी को कानूनी नोटिस तो भेज ही चुका है पर हमें ये भी समझना होगा कि फासीवादियों के तलवे चाटने वाले ये टीवी चैनल आगे आने वाले समय में इससे भी ज्यादा अफवाहों का सहारा लेंगे और प्रगतिशील, क्रांतिकारी व्यक्तियों व संगठनों के खिलाफ इस तरह की झूठी खबरें फैलाकर उन्हें बदनाम करने की साजिशें रचेंगे। इनका इतिहास ही झूठ का रहा है।
June 12th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
When a German delegation visited Gujarat (April 2010), one of the members of the delegation pointed out that he was shocked by parallels between Germany under Hitler and Gujarat under Modi. Incidentally in Gujarat school books Hitler has been glorified as a great nationalist. ( http://deshgujarat.com/2010/04/10/german-mps-mind-your-own-business/). The similarities with Hitler don’t end here. Like Hitler, Modi enjoys the solid support from the corporate World.
June 10th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
लेकिन, फिलहाल, अहम बात यह है कि आने वाला समय मेहनतकश जनता और क्रांतिकारी शक्तियों के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण है। हमें राज्यसत्ता के दमन का ही नहीं, सड़कों पर फासीवादी गुण्डा गिरोहों का भी सामना करना पड़ेगा। रास्ता सिर्फ एक है। हमें तृणमूल स्तर पर मज़दूरों के बीच अपना आधार मजबूत बनाना होगा, यूनियन के अतिरिक्त उनके तरह-तरह के जनसंगठन, मंच, जुझारू स्वयंसेवक दस्ते, चौकसी दस्ते आदि तैयार करने होंगे। जो वाम जनवादी वास्तव में जूझने का जज़्बा और माद्दा रखते हैं, उन्हें छोटे-छोटे मतभेद भुलाकर एकजुट हो जाना चाहिए और काग़जी शेरों को कागज-कलम लेकर माफीनामा लिखने बैठ जाना चाहिए।
October 12th, 2011 by Smash Fascism | No Comments
क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर बनाए गए भगत सिंह क्रांति सेना संगठन के अध्यक्ष का नाम है तजिंदर पाल सिंह बग्गा. इसकी तस्वीरों को आप देखें तो साफ अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह व्यक्ति कौन है और किस मानसिकता का है.
November 19th, 2010 by Smash Fascism | No Comments
यह पुस्तिका फ़ासीवाद के उभार के इतिहास के सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक कारणों के विश्लेषण के साथ ही जर्मनी और इटली में फ़ासीवाद के उभार और कार्यप्रणाली की चर्चा करती है तथा उनकी विशिष्टताओं के बारे में बताती है। यह भारत में फ़ासीवादी शक्तियों की जन्मकुण्डली का ब्योरा देते हुए यहाँ फ़ासीवाद की विशिष्टताओं के बारे में बताती है तथा इससे लड़ने की रणनीति और क्रान्तिकारी शक्तियों के कार्यभारों की भी चर्चा करती है।
May 30th, 2010 by Smash Fascism | 7 Comments
भारत में धार्मिक कट्टरवाद से उपजे आतंक का अगर कोई एक स्रोत है तो वो है आर एस एस. इसके छोटे भाई-बंधू इस्लामी, सिख या ईसाई कट्टरपंथी भी यद्यपि अपने-अपने तरीके से खतरनाक हैं परन्तु वे आर एस एस व इससे जुड़े संगठनों व व्यक्तियों- के संगठनात्मक संजाल, आर्थिक मजबूती, और राजनीतिक वैधता के मुकाबले में कहीं नहीं ठहरते।
January 19th, 2010 by Smash Fascism | 7 Comments
हिन्दुत्ववादी फ़ासिस्टों की एक पुरानी तरकीब है जो लगभग हमेशा कामयाब होती है. साक्षर परन्तु अल्प-शिक्षित निम्न मध्य-वर्ग और मध्य-वर्ग को अपील करने वाले कुछ वाक्यांश, कविताओं के टुकड़े या ऎसी ही कोई अन्य शब्दावली जनता के बीच फेंक कर उसे तब तक दुहराते रहते हैं जब तक वह जनता के एक हिस्से की चेतना का हिस्सा न बन जाय
November 29th, 2009 by Smash Fascism | 11 Comments
भारत के लगातार फलते-फूलते ‘देवताओं’ के बाज़ार को देख कर एक प्रश्न सहज ही दिमाग़ में आता है- ये मॉडर्न दिखने वाले पुजारी, ज्योतिषाचार्य, वास्तुशास्त्री, और अन्य कर्मकाण्डी दुकानदार आख़िर आ कहां से रहे हैं? सभी तरह के धार्मिक कर्मकाण्डों के लिये 21वीं सदी के हिन्दुओं की इस अनन्त मांग के लिये कर्मकाण्डी पुरोहितों की आपूर्त्ति आख़िर होती कहां से है?
September 13th, 2009 by Smash Fascism | 9 Comments
भारत में फ़ासीवाद का इतिहास लगभग उतना ही पुराना है जितना कि जर्मनी और इटली में। जर्मनी और इटली में फ़ासीवादी पार्टियाँ 1910 के दशक के अन्त या 1920 के दशक की शुरुआत में बनीं। भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में नागपुर में विजयदशमी के दिन हुई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक […]
August 16th, 2009 by Smash Fascism | 4 Comments
उग्र हिंदुत्व को समझने के लिए, हमें भारत में उसकी जड़ों के साथ ही उसके विदेशी संबंधों-प्रभावों की पड़ताल करनी होगी। 1930 में हिंदू राष्ट्रवाद ने ‘भिन्न’ लोगों को ‘दुश्मनों’ में रूपांतरित करने का विचार यूरोपीय फ़ासीवाद से उधार लिया। उग्र हिंदुत्व के नेताओं ने मुसोलिनी और हिटलर जैसे सर्वसत्तावादी नेताओं तथा समाज के फ़ासीवादी मॉडल की बार-बार सराहना की। यह प्रभाव अभी तक चला आ रहा है (और इसकी वजह वे सामाजिक-आर्थिक कारण हैं जो अब तक मौजूद हैं)।
July 19th, 2009 by Smash Fascism | No Comments
पिछली पोस्ट से आगे बिगुल अखबार के ब्लॉग से अभिनव के फासीवाद संबंधी लेख को यहां हूबहू प्रस्तुत कर रहा हूं। इसमें फासीवाद के कारणों और आधार की तफसील से चर्चा की गई है। संभवत: यह लेख दो अंकों में आना है, इसलिए इस ब्लॉग पर फिलहाल इसका एक ही हिस्सा उपलब्ध है, उसी को […]
July 18th, 2009 by Smash Fascism | No Comments
पिछली पोस्ट से आगे बिगुल अखबार के ब्लॉग से फासीवाद संबंधी लेख को यहां हूबहू प्रस्तुत कर रहा हूं। इसमें फासीवाद के कारणों और आधार की तफसील से चर्चा की गई है। संभवत: यह लेख दो अंकों में आना है, इसलिए इस ब्लॉग पर फिलहाल इसका एक ही हिस्सा उपलब्ध है, उसी को यहां किस्तों […]