June 24th, 2014 by Smash Fascism | No Comments
Though Mohsin’s murder was the worst part of the violence, the state govt as well as the media focuses only on this. But behind this so many planned attacks against the muslim places of worship and on their economic activities.
March 13th, 2012 by Smash Fascism | No Comments
एक समय था जब कोई यह सपने में भी नहीं सोच सकता था कि संघ व उससे जुड़े संगठन आतंकी हमलों में शामिल हो सकते हैं। संघ का दावा था कि वह हिंसा में विश्वास नहीं रखता। उसके खोखले दावों का सच अब सबके सामने उजागर हो चुका है।
February 23rd, 2012 by Smash Fascism | No Comments
The Zakia Jafri case has begun to symbolise the struggle for justice for all the riot victims and is reaching a crucial stage. It is the only case in which Modi is named as an accused and is, therefore, seen as critical in nailing the perpetrators of the pogrom.
February 23rd, 2012 by Smash Fascism | No Comments
“Two right-wing extremists — Himanshu Panse and Naresh Rajkondowar — died while making a bomb on April 6, 2006, in Nanded (in Maharashtra). Panse and Rajkondowar had participated in the Bagli training camp (near Dewas in MP) along with Kamal Chauhan,” an official said.
October 24th, 2011 by Smash Fascism | 3 Comments
यह पुस्तक मालेगांव, मक्का मस्जिद, अजमेर शरीफ और समझौता एक्सप्रेस के आतंकवादी हमलों से सम्बंधित तथ्यों को उजागर करती है और दोषियों की शिनाख़्त करती है
October 12th, 2011 by Smash Fascism | 3 Comments
किसी भी विरोधी विचार-मतभेद-तर्कपरक बात को गुण्डागर्दी-मारपीट करके कुचलना, यही है फासीवादियों का तरीका।
October 12th, 2011 by Smash Fascism | No Comments
क्रांतिकारी भगत सिंह के नाम पर बनाए गए भगत सिंह क्रांति सेना संगठन के अध्यक्ष का नाम है तजिंदर पाल सिंह बग्गा. इसकी तस्वीरों को आप देखें तो साफ अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह व्यक्ति कौन है और किस मानसिकता का है.
September 22nd, 2011 by Smash Fascism | 2 Comments
अगर हिन्दुवत्ववादी मानसिकता के आई बी अफसरों की आर एस एस एजेंडे प्रति ऐसी वफादारी और निष्ठा न होती तो आर एस एस की मूल आत्मा कब की मिट चुकी होती
August 23rd, 2011 by Smash Fascism | 1 Comment
मालेगांव बम धमाकों,न्यायिक साम्प्रादायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन का सच विषयक सम्मेलन में आतंकवाद के मसलों पर न्यायपालिका की बढ़ती साम्प्रादायिक प्रवृत्ति पर चिंता जाहिर की गई। वहीं इंडियन मुजाहिद्दीन के अस्तित्व पर सवाल उठाने हुए वक्ताओं ने इस पर केंद्र सरकार से श्वेतपत्र जारी करने की मांग की। वरिष्ठ पत्रकार सुभाष गाताड़े ने मालेगांव बम धमाकों के दो अभियुक्तों कलसांगड़ा और साहू की जमानत पर सवाल उठाते हुए कहा कि न्यायपालिका इस बात को मानती है कि इन दोनों को मालेगांव विस्फोट के षडयंत्र की जानकारी थी, तो उन्हें क्यों छोड़ा गया।
February 13th, 2011 by Smash Fascism | 9 Comments
इन नेताओं के इस कथन से तो निश्चित तौर पर कोई भी असहमत नहीं हो सकता कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता और आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी ही होता है। लेकिन ऐसा कहने के साथ ही ये नेता जब अगली ही सांस में यह कहते हैं कि कोई भी हिंदू कभी आतंकवादी हो ही नहीं सकता तो उनका यह कथन सोचने पर मजबूर करता है।
May 30th, 2010 by Smash Fascism | 7 Comments
भारत में धार्मिक कट्टरवाद से उपजे आतंक का अगर कोई एक स्रोत है तो वो है आर एस एस. इसके छोटे भाई-बंधू इस्लामी, सिख या ईसाई कट्टरपंथी भी यद्यपि अपने-अपने तरीके से खतरनाक हैं परन्तु वे आर एस एस व इससे जुड़े संगठनों व व्यक्तियों- के संगठनात्मक संजाल, आर्थिक मजबूती, और राजनीतिक वैधता के मुकाबले में कहीं नहीं ठहरते।
January 20th, 2010 by Smash Fascism | 11 Comments
वाहन पर मौजूद कार्यकर्ताओं से मारपीट, वाहन के शीशे तोडे़ भगतसिंह, प्रेमचंद, राहुल आदि की किताबें फेंकी, आग लगाने की कोशिश प्रेस विज्ञप्ति20 जनवरी, नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के करीब 25 गुण्डों ने आज दोपहर दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के भीतर विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति से खड़े ‘जनचेतना’ पुस्तक प्रदर्शनी वाहन पर […]