बर्बरता के विरुद्ध

English

”देसी” हिंदुत्‍व के विदेशी संबंध और प्रभाव

August 16th, 2009 by Smash Fascism | 4 Comments

उग्र हिंदुत्‍व को समझने के लिए, हमें भारत में उसकी जड़ों के साथ ही उसके विदेशी संबंधों-प्रभावों की पड़ताल करनी होगी। 1930 में हिंदू राष्‍ट्रवाद ने ‘भिन्‍न’ लोगों को ‘दुश्‍मनों’ में रूपांतरित करने का विचार यूरोपीय फ़ासीवाद से उधार लिया। उग्र हिंदुत्‍व के नेताओं ने मुसोलिनी और हिटलर जैसे सर्वसत्तावादी नेताओं तथा समाज के फ़ासीवादी मॉडल की बार-बार सराहना की। यह प्रभाव अभी तक चला आ रहा है (और इसकी वजह वे सामाजिक-आर्थिक कारण हैं जो अब तक मौजूद हैं)।



हाल ही में


हाल ही में