बर्बरता के विरुद्ध

फ़ासिस्‍ट कुत्‍सा प्रचार का भंडाफोड़/Exposure

संस्कृति के रक्षकों कहो- किसकी रोटी में किसका लहू है?

February 16th, 2010 by Smash Fascism | 9 Comments

एक खासियत ये भी बताई जाती है कि हमारी संस्कृति बड़े-बुजुर्गों का आदर करना सिखाती है। यहां, गांव का एक दृश्य सवाल बनकर खड़ा हो जाता है। सत्तर बरस के बुजुर्ग बारह साल के एक बच्चे से कह रहे हैं बाबाजी गोड़ लागतानी…बच्चा कहता है खुस रह..। किसी बड़े आदमी के आंगन में सब चौकी या कुर्सी पर बैठे होते हैं और दलित बुजुर्ग नीचे ज़मीन पर उकड़ूं बैठता है। कहां गया बड़े-बुजुर्गों का आदर? सवाल जस का तस है..क्या है भारतीय संस्कृति?


तरुण विजय क्यों मान गये कि आरएसएस एक हिन्दू दक्षिणपन्थी संगठन है?

November 13th, 2009 by Smash Fascism | 7 Comments

अप्रैल में टाइम्‍स ऑफ इंडिया में तरुण विजय के एक लेख पर किसी ने किसी अंग्रेजी पत्रिका की साइट पर एक टिप्‍पणी की थी। उस अंग्रेजी की साइट का नाम तो नोट करना भूल गया था लेकिन उसका मैटर कॉपी कर लिया था। हमारे एक ब्‍लॉगर साथी अमर ने उस टिप्‍पणी का अंग्रेजी से हिंदी […]



हाल ही में


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