बर्बरता के विरुद्ध

प्रेस विज्ञप्ति/Press Release

JTSA welcomes the SIT report on Ishrat Jahan

November 22nd, 2011 by Smash Fascism | No Comments

JTSA welcomes the SIT report which has concluded that the teenaged college girl Ishrat Jahan and her three companions were killed in cold blood—and were not terrorists on way to kill Narendra Modi. This has reinforced the findings of the Tamang Enquiry Report which had drawn similar conclusions in 2009, and which the Gujarat government had tried to suppress and discredit.


संजीव भट्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन

October 2nd, 2011 by Smash Fascism | No Comments

गुजरात के डीआईजी रैंक पुलिस अधिकारी और गुजरात नरसंहार के मुख्य गवाह संजीव भट्ट की गिरफ्तार को लेकर सिविल सोसाईटी ऑर्गनाईजेशन, सिविल राईट्स ग्रुप और एक्टिविस्टों के बीच काफी रोष है. ऐसे में पूरे देश के एक्टिविस्टों और सिविल राइट्स ग्रुप्स ने सोमवार को भट्ट की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध में एक राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है.
दिल्ली के सिविल राइट्स एक्टिविस्ट महताब आलम ने इस अवसर पर कहा कि “हम संजीव भट्ट की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं” साथ ही उन्होंने न्याय व शांति प्रिय लोगों को बड़ी संख्या में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है.


भरतपुर हत्याकांड: प्राथमिक रिपोर्ट

September 27th, 2011 by Smash Fascism | 1 Comment

‘बर्बरता के विरुद्ध’ को  ईमेल से प्राप्‍त हुई ‘डीएसयू’ की रिपोर्ट ‘हिंदुस्तान में हिंदुओं का राज है, मुसलमानों का कौन है?’ जेएनयू और दिल्ली विश्वविद्यालय के 11 छात्रों की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम राजस्थान के भरतपुर जिले में हुए गोपालगढ़ हत्याकांड के कारणों और घटनाक्रम का पता लगाने के लिए 25 सितंबर को गोपालगढ़ और […]


भगवा, पुलिस और गुर्जरों का निशाना बने अल्पसंख्यक

September 22nd, 2011 by Smash Fascism | No Comments

पीयूसीएल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मृतकों और घायलों की स्थिति देखकर इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिर्फ गोलीबारी ही नहीं, बल्कि लोगों को निशाना बनाकर उन्हें जलाया भी गया. चूंकि गोलीबारी के बाद मस्जिद परिसर पुलिस के नियंत्रण में था इसलिए यह जांच करने की जरूरत है कि यह किसने किया. प्रत्यक्षदशियों के आरोप हैं कि इस घटना के पीछे स्थानीय पुलिस के अलावा गुर्जर नेता और आरएसएस, बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ता भी शामिल हो सकते हैं. आरोप यह लगाया गया है कि ये लोग घटना से पहले ही थाने में थे, जहां दोनों समुदायों के बीच समझौते के लिए बैठक चल रही थी तथा इन्हीं लोगों ने दबाव बनाकर कलेक्टर से फायरिंग के आदेश लिखवाए. इसकी भी जांच करवाए जाने की आवश्यकता है.


संगोष्‍ठी: मालेगांव धमाके, न्यायिक सांप्रदायिकता और इंडियन मुजाहिद्दीन

August 19th, 2011 by Smash Fascism | No Comments

वक्ता- सुभाष गताडे, अजित साही, अनिल चमड़िया और मुज्तबा फारुक स्थान- यूपी प्रेस क्लब, लखनऊ समय- 11:30 से 2 बजे तक दिनांक- 21 अगस्त 2011, दिन रविवार मित्रों,    पिछले दिनों मालेगांव धमाकों  के दो हिन्दुत्ववादी आरोपियों को मुंबई की एक अदालत ने यह कहते हुए जमानत दे दिया कि वे भले ही षडयंत्र से वाकिफ […]


आज के भारत में मुसलमान होने के मायने

October 9th, 2009 by Smash Fascism | 7 Comments

सांप्रदायिकता के ख़ि‍लाफ़ कई वर्षों से संघर्षरत ‘अनहद’ ने 3-5 अक्‍टूबर को एक तीन दिवसीय सम्‍मेलन आयोजित किया था। इस सम्‍मेलन का विषय था ‘आज के भारत में मुसलमान होने के मायने’। इस सम्‍मेलन में दंगा, एनकाउंटर पीड़ि‍तों ने अपनी आपबीती सुनाई, और कई एक्टिविस्‍टों ने अपने अनुभव साझा करने के साथ ही अपने सुझाव […]



हाल ही में


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